उत्तराखंड की लोक संस्कृति को यदि जीवित रखना है तो हमें अपनी लोकभाषा को जीवित रखना होगा। क्योंकि भाषा से ही ज्ञान का परिमार्जन होता है और इससे हमारी संस्कृति को जीवन मिलता है। यह महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने गढ़वाल भ्रातृ मंडल की ओर से मुंबई में आयोजित उत्तराखंड महोत्सव में कही।
राज्यपाल समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। इस अवसर पर डॉ. कुंवर सिंह पंवार को राज्यपाल ने 'गढ़वाल भ्रातृ मंडल' की ओर से प्रदत्त प्रतिष्ठित पुरस्कार 'गढ़ रत्न' से सम्मानित किया। डॉ. पंवार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार के साथ-साथ प्रसिद्ध उद्योगपति व समाज सेवक भी हैं। वे देश विदेशों में कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। इस अवसर पर स्थानीय सांसद (उत्तर मुंबई) गोपाल शेट्टी व स्थानीय विधायक सुनील राणे भी उपस्थित थे।
मंडल के अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट ने शाल श्रीफल व सम्मान चिन्ह देकर राज्यपाल कोश्यारी का सभी मुंबईकर उत्तराखंडियों की ओर से स्वागत किया। महासचिव रमण मोहन कुकरेती ने मंडल के 91 वर्ष के इतिहास व गतिविधियों पर प्रकाश डाला। अधिवक्ता ममता भट्ट ने डॉ. पंवार की उपलब्धियों को सभी के समक्ष रखा। मदन मोहन गोस्वामी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
समारोह का संचालन रमण मोहन कुकरेती व धनंजय रावत ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर अमरजीत मिश्र, संध्या दोषी, सुरेखा पाटिल, हरि मृदुल, बहादुर सिंह बिष्ट, माधवानंद भट्ट, मोहन काला, विनीत बिष्ट, पूरण चंद्र बलोदी, वीरेंद्र बडोनी, हीरा सिंह भाकुनी, सुभाष पोखरियाल, ललित बिष्ट, धर्मानंद रतूड़ी, भगवान सिंह कठैत, शंकर सिंह रावत, गिरवर नेगी, हयात सिंह राजपूत, प्रदीप रावत, बलबीर नेगी आदि गणमान्य उपस्थित थे।